भारत में स्पेसएक्स को मिली हरी झंडी: स्टारलिंक लॉन्च की तैयारी पूरी, इंटरनेट क्रांति की ओर बड़ा कदम

उत्तराखंड सहित पूरे भारत में स्पेस-आधारित ब्रॉडबैंड सुविधाओं के लिए मार्ग साफ हुआ है। भारत के अंतरिक्ष नियामक IN‑SPACE ने एलन मस्क की Starlink सेवा को लॉन्च करने के लिए ड्राफ्ट अनुमति दस्तावेज जारी कर दिया है, जिसे कंपनी वाउंटर‑सिग्नेचर करेंगी — इसके बाद Starlink भारत में अपने परीक्षण और वाणिज्यिक संचालन शुरू कर सकेगी । इस नवीनतम कदम के पहले, दूरसंचार विभाग (DoT) ने उन्हें GMPCS लाइसेंस प्रदान किया था, जिसे कम्युनिकेशंस मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी घोषित किया था ।

ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है — जहां पारंपरिक ब्रॉडबैंड पहुंच में अभी भी बड़ी कमी है । Jio और Airtel के साथ साझेदारी ने भी इस प्रक्रिया को गति पकड़ने में मदद की है; इन टेलीकॉम दिग्गजों की रिटेल और सर्विस नेटवर्क के साथ Starlink की पहुंच और भरोसेमंद बन सकती है ।

आगे का रास्ता अभी शेष है: IN‑SPACe से फाइनल ऑथराइजेशन, स्पेक्ट्रम आवंटन, और स्थानीय नेटवर्क व डेटा सुरक्षा जांच बचे हैं — जिनमें बताया गया है कि Starlink अपने नेटवर्क कंट्रोल केंद्र, भारत में स्थानिक गेटवे और “लॉ फुल इंटरसेप्शन” जैसी सुरक्षा मानदंडों को पूरा करेगा । विशेषज्ञ अनुमान है कि अगले 6–9 महीनों में भारत में Starlink का वाणिज्यिक लॉन्च संभव है ।

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