उत्तराखंड में भारी बारिश के बीच बाढ़ का खतरा बढ़ने पर मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन (नई दिल्ली) ने अलर्ट जारी किया है। उसके ठीक बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर सतर्कता बरतने, आपात स्थिति में तुरंत उपाय करने और प्रशासनिक स्तर पर यातायात नियंत्रित रखने के निर्देश दिए गए हैं ।
पत्र में बताया गया है कि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में अधिकांश इलाकों में 24 घंटे में भारी वर्षा की आशंका है, जिससे जलभराव, नदी-नाले के जलस्तर में वृद्धि और संभावित फ्लैश फ्लड की स्थिति बन सकती है ।
स्थिति अत्यंत गंभीर होने पर प्रशासन ने 74 से अधिक सड़कों को मलबा और जलभराव के कारण बंद कर दिया है। इनमें राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं और ग्रामीण संपर्क मार्गों पर भी यातायात रोक दिया गया है।
इसके अलावा, राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन तंत्र ने नदी-नालों की निरंतर मॉनिटरिंग के साथ-साथ जिलाधिकारी, पुलिस, PWD, BRO व आपदा रेस्पॉन्स टीमें की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित की है । नागरिकों से अनावश्यक यात्रा न करने, सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने तथा मौसम विभाग की ताज़ा एडवाइजरी का पालन करने की भी अपील की गई है।
इस बीच, आपदा राहत के लिए बेड़े (boats), चिकित्सा सुविधा, भोजन, संचार माध्यम और एलर्ट हेल्पलाइन—0135‑2710335, 0135‑2710334, 1070 आदि सक्रिय रखे गए हैं ।
यह कदम मानसून से प्रभावित पहाड़ी प्रदेश में समय रहते संभावित नुकसान से निपटने की तैयारी का हिस्सा है।