आज, 20 मई 2025 को, भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश भुषण रामकृष्ण गवाई की अध्यक्षता वाली पीठ इस बात पर विचार करेगी कि क्या याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करना आवश्यक है।
सुनवाई का उद्देश्य केवल अंतरिम आदेश पर विचार करना है, न कि कानून की पूरी वैधता पर। केंद्र सरकार ने पहले ही अदालत को आश्वासन दिया है कि विवादास्पद प्रावधानों को लागू नहीं किया जाएगा।
इससे पहले, केंद्र ने वक्फ संपत्तियों के डीनोटिफिकेशन और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति पर रोक लगाने का आश्वासन दिया था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह अधिनियम मुस्लिम धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करता है और संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है।
वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि यह कानून पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए है। सुप्रीम कोर्ट की आज की सुनवाई इस विवादास्पद अधिनियम के भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।