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अमेरिका-ईयू दबाव बेअसर: रूस से भारत तक तेल पहुंचा रहे टैंकर, जारी है कच्चे तेल की डिलीवरी

अमेरिका-ईयू दबाव बेअसर: रूस से भारत तक तेल पहुंचा रहे टैंकर, जारी है कच्चे तेल की डिलीवरी

भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) के दबाव के बीच भी रूसी कच्चा तेल की टैंकर डिलीवरी जारी रखी है। अमेरिका ने हाल ही में ट्रम्प प्रशासन के दौरान भारतीय आयात पर 25 % शुल्क लगाने की चेतावनी दी और साथ ही रूसी तेल खरीद पर अतिरिक्त प्रतिबंधों का संकेत भी दिया था। बावजूद इसके, भारत ने तेल आपूर्ति न रोके जाने की पुष्टि बीते दिनों की Reuters रिपोर्ट में की है।

विश्लेषकों के मुताबिक, यदि भारत को रूसी कच्चे तेल से दूर होना पड़ा, तो इससे इंद्रदनुषीय खरीद महँगी पड़ सकती है, जिससे देश का तेल आयात बिल $9–11 अरब तक बढ़ने की संभावना है। मार्च 2025 तक रूस से भारत को प्रति दिन लगभग 2 मिलियन बैरल तेल मिल रहा था, जो देश की कुल आयात का 35‑40 % था।

भारत ने यह स्पष्ट किया है कि तेल खरीद निर्णय पूरी तरह आर्थिक और रणनीतिक फैसलों पर आधारित हैं और केंद्रीय सरकार ने किसी तेल रिफाइनर को रूसी तेल खरीद बंद करने का कोई निर्देश नहीं दिया है।

इसके अलावा चीन और भारत जैसी अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति में अहम भूमिका निभा रही हैं। रूस अगर भारत से तेल सप्लाई बंद करता है तो इस CPC पाइपलाइन के माध्यम से वैश्विक तेल सप्लाई में कम से कम 3.5 मिलियन बैरल की कमी हो सकती है, जिससे भारी कीमतों में उछाल आए।

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