अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ द्वारा हाल ही में घोषित नए ग्रूमिंग मानकों के तहत, अमेरिकी सेना में दाढ़ी और लंबे बाल रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस नीति के लागू होने से सिख, मुस्लिम और यहूदी सैनिकों के लिए धार्मिक पहचान बनाए रखना मुश्किल हो गया है, क्योंकि उनके लिए दाढ़ी और पगड़ी पहनना धार्मिक अनिवार्यता है।
सिख समुदाय ने इस निर्णय का कड़ा विरोध किया है। सिख कोएलिशन ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है और कहा है कि यह नीति धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देती है। पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने इसे सिख सैनिकों का अपमान बताया और केंद्र सरकार से इस मुद्दे को अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाने की अपील की है।
इससे पहले, 2010 में, अमेरिकी सेना ने कुछ सिख अधिकारियों को धार्मिक पहचान बनाए रखते हुए सेवा करने की अनुमति दी थी, जैसे कि कैप्टन कमलजीत सिंह कालसी और डॉ. मेजर कमलजीत सिंह कालसी। अब इस नए आदेश से उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
यह निर्णय न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो अमेरिकी सेना में अपनी धार्मिक पहचान बनाए रखते हुए सेवा करना चाहते हैं।