उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा के बाद प्रभावित सीमांत गांवों—सुक्की, धराली, मुख्बा, हर्षिल, जसपुर, पुराली, झाला और बगोरी—में अभी भी रसद और रसोई गैस की भारी किल्लत बनी हुई है। गंगोत्री हाईवे बड़े वाहनों के लिए बंद होने से इन गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाने में कठिनाई आ रही है, जिससे संकट बढ़ता जा रहा है।
प्रशासन द्वारा गांवों में राहत सामग्री वितरण किया गया है, लेकिन यह बड़े परिवारों के लिए पर्याप्त नहीं है, जिससे ग्रामीणों की परेशानियाँ जारी हैं। कई इलाकों में बिजली और संचार सेवाएँ भी प्रभावित हैं, जिससे आपदा के समय सुनने-समझने में और मुश्किलें बढ़ गई हैं।
एक स्थानीय निवासी ने दर्द भरे लहजे में बताया कि “रसोई गैस नहीं है और लकड़ी भी गीली है”, जबकि दुकानों में राशन घटते जा रहा है, जिससे आपात स्थिति और गंभीर हो गयी है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं ने बताया कि गंगोत्री हाईवे पर नलूणा के पास भारी भूस्खलन के कारण सड़कों, बिजली और संचार सेवाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। जैसे ही भूस्खलन रुकता है, स्थिति सुधारने की कोशिशें तेज होंगी।