बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सोमवार को राजेंद्र धेड्या गावित की 130-पलघर विधानसभा सीट से चुनी गई जीत को बरकरार रखा और उनके चुनाव पर चल रहे याचिकाकर्ता के विरोध को खारिज कर दिया। याचिका दायरकर्ता सुधीर जैन का तर्क था कि घोषणापत्र (Form‑26) में गावित ने अपनी “दूसरी पत्नी” रुपाली गावित का नाम दर्ज कराया, जो फॉर्म के स्वरूप का उल्लंघन और हिंदू विवाह अधिनियम के तहत वैध नहीं था।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि गाँवित ने फॉर्म में अतिरिक्त कॉलम जोड़कर पारदर्शी जानकारी दी, जिसमें कोई कानून उल्लंघन नहीं हुआ। न्यायाधीश ने कहा कि उनके द्वारा की गई जानकारी “ईमानदारी से” दी गई है और समुदाय (भील) में बहुविवाह की ऐतिहासिक अनुमति है, अतः यह चुनाव रद्द करने का आधार नहीं बन सकती ।
न्यायालय ने यह भी माना कि यदि किसी आशुलिपि में अधिकारपूर्वक अतिरिक्त विवरण जोड़ने को चुनौती दी जाती, तो कई पारदर्शी उम्मीदवार चुनाव से वंचित हो सकते थे। इस निर्णय से गावित की विजय को मजबूत वैधानिक मान्यता मिली और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता का संदेश गूंजा।