लोकसभा अध्यक्ष के 12 जून के देहरादून दौरे के दौरान निर्धारित शिष्टाचार और सम्मान का ठीक से पालन नहीं होने के कारण शासन की चिंता बढ़ गई है। प्रोटोकॉल विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए दून के जिलाधिकारी सविन बंसल से स्पष्टीकरण तलब किया है ।
इस मामले की जांच के पीछे एक आधिकारिक शिकायत भी थी, जिसे लोकसभा सचिवालय द्वारा भेजा गया था। इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि देहरादून में आयोजकों ने सम्मानित अतिथि को उचित आदर व स्वागत नहीं किया, जो कि राजकीय शिष्टाचार का उल्लंघन माना गया ।
भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने भी 19 जून को राज्य शासन को पत्र भेजकर इस घटना पर अपनी “गंभीर चिंता” व्यक्त की और उचित कदम उठाने को कहा । उन्होंने यह स्पष्ट किया कि प्रोटोकॉल एवं राजनीतिक सरोकारों में अनादर की स्थिति कतई स्वीकार्य नहीं है और इस प्रकार की लापरवाही भविष्य में नहीं होनी चाहिए।
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए साफ किया है कि यदि जांच में दोष साबित हुआ तो ज़रूरत पड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का मकसद सिर्फ सम्मान लौटाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में ऐसे किसी भी आयोजन में प्रोटोकॉल का उचित अनुपालन हो।