अमेरिका की एक संघीय अदालत ने 28 मई 2025 को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए व्यापक आयात शुल्कों को अवैध घोषित कर दिया है। न्यूयॉर्क स्थित कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया कि ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर नियंत्रण के लिए संविधान में निर्धारित कांग्रेस की विशेष शक्तियों का उल्लंघन किया है। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियों के तहत ऐसे शुल्क लगाने का अधिकार नहीं है। यह निर्णय ट्रंप की “लिबरेशन डे” नीति के तहत लगाए गए शुल्कों को प्रभावी रूप से समाप्त करता है।
ट्रंप प्रशासन ने अदालत में तर्क दिया था कि इन शुल्कों ने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने में मदद की और चीन को व्यापार वार्ता के लिए मजबूर किया। हालांकि, अदालत ने इन तर्कों को खारिज कर दिया और कहा कि राष्ट्रपति का यह कदम कानून के खिलाफ था। भारत ने भी अमेरिका के इस दावे को नकारते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम सीधे सैन्य नेतृत्व के संपर्क से हुआ था।
अदालत के इस फैसले से ट्रंप की व्यापार नीति को बड़ा झटका लगा है, और व्हाइट हाउस ने इस निर्णय के खिलाफ अपील करने की योजना बनाई है। हालांकि, इस फैसले के बाद अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई है और भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखी गई है।